प्रत्येक चार वर्ष बाद आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता जिसे हम एशियाई खेल या एशियाड के नाम से भी जानते है। आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। नमस्कार मैं हूँ विनय चलिए आज कुछ नया सीखते है। इस लेख को पढ़ें और शेयर करें अगर यह आपके लिए मददगार था।
एशियाई खेल 1950 में होने थे। लेकिन तैयारियों में हुई देरी के कारण इन्हे 1951 तक टाल दिया गया और प्रथम एशियाई खेलों का आयोजन 11 मार्च 1951 को नई दिल्ली (भारत) के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडयम में हुए। जिनका उद्घाटन भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंदर प्रसाद के द्वारा किया गया था।
जिसमे 11 देशों के 489 एथलीटों ने 6 प्रतिस्पर्धओं में हिस्सा लिया था। जिसमे से 57 प्रतिस्पर्धा जीत कर जापान शीर्ष पर रहा। हालाँकि जापान को लंदन में 1948 में हुए ओलिम्पिक में हिस्सा लेने नहीं दिया गया था और एशियाई खेल महासंघ की संस्थापक बैठक में भी वो शामिल नहीं हुआ मगर इन खेलों में उसने हिस्सा लिया।
इन खेलों का नियामन एशियाई ओलम्पिक परिषद द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक परिषद् के पर्यवेक्षण में किया जाता है। प्रत्येक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान के लिए स्वर्ण, दूसरे के लिए रजत और तीसरे के लिए कांस्य पदक दिए जाते है।
मनीला- 1954:-
दूसरे एशियाई खेल फिलीपीन्स में एक से नौ मई 1954 के बीच आयोजित हुए। इन खेलों का उदघाटन राष्ट्रपति रैमन मैगसायसाय ने किया था। ये खेल रिजाल मेमोरियल स्टेडियम मनीला में आयोजित हुए। इन खेलों में हुए 8 खेलों के मुकाबलों के लिए 18 देशों के 970 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें 76 प्रतिस्पर्धा हुई। जिसमे जापान पहले स्थान पर रहा।
टोकियो- 1958:-
तीसरे एशियाई खेलों का आयोजन जापान की राजधानी टोकियो में हुआ। 24 मई से एक जून 1958 के बीच ये आयोजन हुआ, जिसमें 20 देशों के 1820 एथलीट्स ने 13 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया। इसमें 97 प्रतिस्पर्धा हुई। जिसमे जापान पहले स्थान पर रहा। हलांकि पिछली बार के मुकाबले इस बार पाँच स्पर्द्धाएँ ज्यादा थीं। एशियाई खेलों में पहली बार मशाल की परंपरा भी शुरू की गई।
जकार्ता- 1962:-
चौथे एशियाई खेल 24 अगस्त से चार सितंबर 1962 के बीच इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित हुए। इसराइल और ताइवान के एथलीट्स इन खेलों में हिस्सा नहीं ले सके। अरब देशों और चीन के दबाव के चलते इंडोनेशिया सरकार ने इसराइली और ताइवानी प्रतिनिधियों को वीजा देने से इनकार कर दिया। ऐसा उसने एशियाई खेल महासंघ के नियमों के विरुद्ध किया, हालाँकि उसे सभी सदस्य देशों को आमंत्रित करना था। 16 देशों के 1460 एथलीट्स ने एशियाड में हिस्सा लिया और बैडमिंटन इन खेलों में शामिल किया गया। राष्ट्रपति सुकर्णो ने आधिकारिक तौर पर इन खेलों के उद्घाटन की घोषणा की।
बैंकॉक- 1966:-
पाँचवें एशियाई खेल 9 से 20 दिसंबर 1966 के बीच थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित हुए। ताइवान और इसराइल की खेलों में वापसी हुई। कुल 18 देशों के 1945 एथलीटो ने इन खेलों भाग लिया। महिला वॉलीबॉल को इन खेलों में शामिल किया गया। थाईलैंड के महाराज भूमिबोल अदुल्यदेज ने इन खेलों का उदघाटन किया था।
बैंकॉक- 1970:-
छठे एशियाई खेल 24 अगस्त से 4 सितंबर 1970 के बीच बैंकॉक में ही आयोजित हुए। शुरुआती योजना के मुताबिक़ दक्षिण कोरिया के सोल को इसका आयोजन करना था मगर उत्तर कोरिया से सुरक्षा को धमकी को देखते हुए उसने दावेदारी छोड़ दी। थाईलैंड ने आगे बढ़कर इन खेलों का आयोजन करना स्वीकार किया और दक्षिण कोरिया के धन का इस्तेमाल करते हुए ये आयोजन किया। 18 देशों के 2400 एथलीटो ने इन खेलों भाग लिया। यॉटिंग पहली बार इन खेलों में शामिल हुआ और एक बार फिर भूमिबोल अदुल्यदेज ने खेलों का उदघाटन किया।
तेहरान- 1974:-
सातवें एशियाई खेल एक से 16 सितंबर 1974 के बीच ईरान की राजधानी तेहरान में आयोजित किए गए थे। इन खेलों के लिए आजादी खेल परिसर बनवाया गया था और पहली बार मध्य पूर्व के किसी देश ने इसका आयोजन किया। तेहरान में हुए इस आयोजन में 19 देशों के 3010 एथलीट शामिल हुए जो कि खेलों की शुरुआत से लेकर तब तक का सबसे बड़ा आयोजन साबित हुआ।
तलवारबाज़ी, जिम्नास्टिक्स और महिलाओं का बास्केटबॉल इन खेलों में शामिल हुआ। फिलिस्तीन से खतरों को देखते हुए सुरक्षा की जबरदस्त व्यवस्था की गई थी। मगर ये खेल राजनीति का भी शिकार हुए क्योंकि अरब मूल के देशों, पाकिस्तान, चीन और उत्तर कोरिया ने इसराइल के विरुद्ध टेनिस, तलवारबाज़ी, बास्केटबॉल और फ़ुटबॉल के मुक़ाबलों में उतरने से इनकार कर दिया।
बैंकॉक- 1978:-
आठवें एशियाई खेल नौ से 20 दिसंबर 1978 के बीच बैंकॉक में ही आयोजित हुए। बांग्लादेश और भारत के साथ तनाव के बाद पाकिस्तान ने एशियाई खेलों के आयोजन की योजना छोड़ दी। सिंगापुर ने वित्तीय कारणों से खेलों का आयोजन करने से मना कर दिया। इसके बाद एक बार फिर थाईलैंड ने मदद की पेशकश की और खेल बैंकॉक में आयोजित हुए।
राजनीतिक कारणों से इसराइल को खेलों से बाहर कर दिया गया। 19 देशों के 3842 एथलीट इसमें शामिल हुए और तीरंदाजी के साथ ही बोलिंग को खेलों में शामिल किया गया।
नई दिल्ली- 1982:-
नौवें एशियाई खेल 19 नवंबर से 4 दिसंबर 1982 के बीच नई दिल्ली में आयोजित हुए। पहले खेलों के बाद दूसरी बार दिल्ली ने ये खेल आयोजित किए। ये एशियाई खेल एशियाई ओलिम्पिक परिषद के नेतृत्त्व में हुए। एशियाई खेल महासंघ को भंग करके ही एशियाई ओलिम्पिक परिषद का गठन हुआ। 23 देशों के 3411 एथलीट खेलों में शामिल हुए। घुड़सवारी, गोल्फ, हैंडबॉल, नौकायन और महिलाओं की हॉकी इन खेलों में शामिल हुआ।
इससे पहले के खेलों में जापान सर्वाधिक पदक जीतने वाला देश था मगर इन खेलों में पहली बार चीन ने जापान की जगह ले ली और उसके बाद से उसे कोई हटा नहीं सका है। इन खेलों की तैयारी में भारत में बड़े पैमाने पर रंगीन टेलिविजन का प्रसार हुआ। इन खेलों का शुभंकर अप्पू नाम का हाथी था। राष्ट्रपति जैल सिंह ने खेलों का उदघाटन किया, पीटी उषा ने खिलाड़ियों की ओर से शपथ ली और ये खेल जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित किए गए थे।
सोल- 1986:-
दसवें एशियाई खेल 20 सितंबर से पाँच अक्टूबर 1986 के बीच दक्षिण कोरिया के सोल में आयोजित किए गए। इन खेलों में 22 देशों के 4839 एथलीट्स शामिल हुए और कुल 25 स्पर्धाओं में पदक बाँटे गए। जूडो, ताइक्वांडो, महिलाओं की साइक्लिंग और महिलाओं की निशानेबाजी को इन खेलों में शामिल किया गया।
इन खेलों में 83 एशियाई रिकॉर्ड और तीन विश्व रिकॉर्ड टूटे। पीटी उषा इन खेलों की स्टार एथलीट थी जिन्होंने चार स्वर्ण और एक रजत पदक जीता। दक्षिण कोरिया ने जापान को हटाकर पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल कर लिया।
बीजिंग- 1990:-
ग्यारहवें एशियाई खेलों का आयोजन 22 सितंबर से सात अक्टूबर 1990 के बीच चीन के बीजिंग में हुआ। चीन में बड़े पैमाने पर आयोजित हुआ ये पहला खेल आयोजन था। 36 देशों के कुल 6122 एथलीट उनमें शामिल हुए और 29 स्पर्धाएँ आयोजित हुईं। इन खेलों में सॉफ्टबॉल, सेपक टाकरॉ, वुशु, कबड्डी और कनूइंग पहली बार शामिल किए गए।
कुवैत पर इराकी हमले में एशियाई ओलिम्पिक परिषद के प्रमुख शेख फहद अल-सबा भी मारे गए थे और ग्यारहवें एशियाड में यही चर्चा का बड़ा विषय था। इन खेलों में सात विश्व रिकॉर्ड और 89 एशियाई रिकॉर्ड टूटे।
हिरोशिमा- 1994:-
बारहवें एशियाई खेल दो से 16 अक्टूबर 1994 के बीच जापान के हिरोशिमा में आयोजित हुए। इन खेलों का मुख्य संदेश एशियाई देशों में शांति और सौहार्द को बढ़ाना था। इस पर खासा जोर दिया गया क्योंकि 1945 में इस जगह पर पहला परमाणु बम गिराया गया था। पूर्व सोवियत संघ से स्वतंत्र हुए कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान को इन खेलों में शामिल किया गया।
ये पहले एशियाई खेल थे जो किसी देश की राजधानी में आयोजित नहीं हुए थे। पहले खाड़ी युद्ध के बाद इराक को खेलों से निलंबित रखा गया था। 42 देशों के 6828 एथलीट ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और कुल 34 स्पर्धाएँ आयोजित हुईं। बेसबॉल, कराटे और आधुनिक पेंटाथलन इन खेलों में शामिल हुए।
बैंकॉक- 1998:-
तेरहवें एशियाई खेल छह से 20 दिसंबर 1998 के बीच बैंकॉक में आयोजित हुए। इन खेलों में कुल 41 देशों के 6554 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। बैंकॉक ने इस तरह चौथी बार एशियाई खेलों का आयोजन किया।
इससे पहले 1966 में ये खेल बैंकॉक को दिए गए थे जबकि 1970 और 1978 में उसे दूसरे देशों के आयोजन नहीं कर पाने की वजह से ये आयोजन करना पड़ा था। एक बार फिर थाईलैंड के नरेश भूमिबोल अदुल्यदेज ने इन खेलों का उदघाटन किया।
बुसान- 2002:-
चौदहवें एशियाई खेलों का आयोजन 29 सितंबर से 14 अक्टूबर 2002 के बीच दक्षिण कोरिया के बुसान में हुआ। 44 देशों के 6572 एथलीट्स ने इन खेलों में हिस्सा लिया। 38 खेलों में मुकाबले हुए जबकि 18 हजार पत्रकार, अधिकारी और एथलीट इसमें शामिल हुए।
खेलों के इतिहास में पहली बार एशियाई ओलिम्पिक परिषद के सभी 44 सदस्य देश शामिल हुए। इनमें उत्तर कोरिया और अफगानिस्तान भी शामिल हुए।
कतर- 2006:-
15वें एशियाई खेल कतर के दोहा में एक से 15 दिसंबर 2006 के बीच आयोजित हुए। मध्य पूर्व क्षेत्र से दोहा दूसरा शहर बना जिसने एशियाड का आयोजन किया था। उससे पहले 1974 में तेहरान इन खेलों का आयोजन कर चुका था। 29 खेलों की 46 स्पर्धाएँ आयोजित हुईं। परिषद के सभी 45 देशों ने इन खेलों में हिस्सा लिया। खेलों के दौरान ही दक्षिण कोरियाई घुड़सवार किम ह्युंग चिल की मौत हो गई और उसकी खेलों के दौरान काफी चर्चा रही थी।
ग्वांगझोउ-2010 :-
16 वें एशियाई खेल ग्वांगझोउ चीन में 12-27 नवंबर के बीच आयोजित हुए। जिनका उद्घाटन प्रीमियर वेन जियाबाओ ने किया था। इन खेलों में हुए 42 खेलों के मुकाबलों के लिए 45 देशों के 9704 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें 476 प्रतिस्पर्धा हुई जिसमे चीन पहले स्थान पर रहा।
इंचियोन-2014 :-
17 वें एशियाई खेल दक्षिण कोरिया के इंचियोन शहर में 19 सितम्बर से 4 अक्टूबर के बीच आयोजित हुए। जिनका उद्घाटन राष्ट्रपति पार्क ग्युन हाय ने किया था। इन खेलों में हुए 36 खेलों के मुकाबलों के लिए 45 देशों के 9501 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें 439 प्रतिस्पर्धा हुई जिसमे चीन पहले स्थान पर रहा।
पालेमबांग -जकार्ता -2018:-
2018 एशियाई खेलों के प्रतीक का पहली बार अनावरण 9 सितम्बर 2018 को देश के राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर किया गया। इसका प्रतीक चिह्न इण्डोनेशिया के दुर्लभ पक्षी पारादाइसा पर आधारित था। इन खेलों का समापन समारोह 2 सितम्बर 2018 दिन रविवार को पश्चिमी इण्डोनेशियाई समय के अनुसार 5:00 बजे आयोजित हुआ। यह समारोह भारी वर्षा के बीच गेलोरा बुंग कर्णों स्टेडियम में सम्पन्न हुआ। इस समारोह में स्थानीय कलकारों के अतिरिक्त भारत के सिद्धार्थ स्लाथिया , दक्षिण कोरिया के इकोन और सुपर जूनियर ने गीत गाये।हांगझाऊ के महापौर शु लियि को 2022 एशियाई खेलों के आयोजक होने के नाते खेल ध्वज दिया गया।
इन खेलों में हुए 42 खेलों के मुकाबलों के लिए 46 देशों के 11300 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें चीन 289 मेडल जीत कर पहले नंबर पर रहा।
भारतीय दल ने 18वें एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक सहित कुल 69 मेडल हासिल किए। इस प्रदर्शन के साथ ही अपना सबसे ज्यादा पदकों का साल 2010 का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भारत ने चीन के ग्वांगजू में आयोजित 16वें एशियाई खेलों में 65 पदक हासिल किए थे। इसमें 14 स्वर्ण, 17 रजत और 34 कांस्य पदक शामिल थे। इसी के साथ भारत ने एशियाई खेलों में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। भारत ने साल 1951 में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई खेलों में 15 स्वर्ण पदक जीते थे। इस तरह 67 साल बाद भारत ने एशियाई खेलों में अपनी स्वर्णिम सफलता को दोहराने में सफल हुआ।
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