Friday, January 17, 2020

बंगाल के गवर्नर | गवर्नर जनरल | महत्वपूर्ण तथ्य | हिंदी

                        प्रिय विद्यार्थियों इतिहास की कक्षा में आपका फिर से स्वागत है। क्यों न आज के समय का सदुपयोग किया जाये। मैं आज इस इतिहास के टॉपिक को लम्बा न करते हुए इसको तीन अलग-अलग कक्षाओं में पूरा करूंगा तो आप से आशा करता हूँ की आप मेरे साथ बने रहेंगे। नमस्कार मैं हूँ विनय चलिए आज कुछ नया सिख लेते हैं। 
  
                               

               चलिए आज मैं आपको भारत के उस दौर का भ्रमण करता हूँ जिस समय बंगाल का नवाब अपनी आन बान शान के लिए अंगेजों से युद्ध कर रहा था। लेकिन अंग्रेज भी कोई मौका गवाँना नहीं चाहते थे और बंगाल को छीनने का पूरा प्रयास कर रहे थे।  इसी बिच अंग्रेजो ने 1757 प्लासी के युद्ध में बंगाल के नवाब सिराजुदौला को हरा कर सपना पूरा कर लिया। 
                   1757 में कंपनी की कमान संभालने को मिली राबर्ट क्लाइव को। इसलिए भारत में अंग्रेजी शासन के जन्म दाता राबर्ट क्लाइव हो की माना जाता है। गवर्नर / गवर्नर जनरल भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश राज का प्रधान पद होता था । जिस पर सिर्फ अंग्रेजो का ही अधिकार था। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व कोई भी भारतीय इस पद पर नहीं बैठा।  आज की कक्षा में हम सिर्फ बंगाल के गवर्नर और बंगाल के गवर्नर जनरल के बारे ने चर्चा करेंगें। 
बंगाल के गवर्नर

रॉबर्ट क्लाइव/Rabert Clive (1757-1760 एवं 1765-1767):
  • 1757 प्लासी का युद्ध (Battle Of Plassey) जीतने का श्रेय राबर्ट क्लाइव को ही जाता है। 
  • क्लाइव ने अपने दूसरे शासन काल में आते ही 1765 में बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था कर दी।   जिसके तहत टैक्स वसूलने, सैनिकों को संरक्षण देने और विदेशी मामले कंपनी के अधीन थे।  जबकि भारत की जिमेदारी नवाब के हाथों में होती थी। 
वेरेलस्ट/Verelst (1767-1769)

कार्टियर/Cartiyar (1769-1772)
वारेन हेस्टिंग्स/Warren Hastings (1772 - 20 अक्टूबर 1773)

बंगाल के गवर्नर-जनरल
वारेन हेस्टिंग्स/Warren Hastings (20 अक्टूबर 1773 - 1 फरवरी 1785 ): 
  • वारेन हेस्टिंग्स को 1773 रेगुलेटिंग एक्ट के तहत पदोन्ति दी गयी थी। 
  • वारेन हेस्टिंग्स ने बंगाल में पहले से चल रहे द्वैध शासन को समाप्त कर दिया और प्रत्येक जिले में फौजदारी तथा दीवानी अदालतों की स्थापना की। 
  • 1773 रेगुलेटिंग एक्ट के तहत 1774 में कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना। 
  • प्रथम अंगल-मराठा युद्ध (1775 -1782 ई.) इस युद्ध का  अंत सालबाई की संधि(1782 ई.) से हुआ था। 
  • दूसरा आंग्ल-मैसूर  युद्ध (1780 -1784 ई.) इस युद्ध का अंत मंगलोर की संधि (1784 ई.) से हुआ था। 
  • एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल (Asiatic Society Of Bangal) की स्थापना कलकत्ता में हुई।
  • बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यु (Board Of Revenue) की स्थापना। 
  • 1781 में प्रथम मदरसा की स्थापना। 
  • 1782 में बनारस में संस्कृत विद्यालय की स्थापना जोनाथन डंकन ने की थी। 
  • 1784 पिट्स इंडिया एक्ट (Pitt's India Act) पारित हुआ तथा लंदन में बोर्ड ऑफ़ कण्ट्रोल की स्थापना कर दी गई। 
नोट : इसी एक्ट के विरोध में वारेन हैस्टिंग्स इस्तीफा देकर 1785 में इंग्लैंड पहुंचा तो बर्क के द्वारा उस पर ब्रिटिश पार्लियामेंट में महाभियोग लगाया गया जो 1788 ई.-1795 ई. तक चला लेकिन उसे आरोपों से मुक्त कर  दिया गया। 

सर जॉन मैक्फर्सन / Sir John Mecpherson (1 फरवरी 1785- 12 सितम्बर 1786):
  • यह एक अस्थाई गवर्नर जनरल था। 
लार्ड कॉर्नवॉलिस/Lord Cornwallis (12 सितम्बर  1786 - 28 अक्टूबर  1793):
  • भारत में सिविल सेवा एवं पुलिस व्यवस्था का जनक लार्ड कॉर्नवॉलिस ही थे। इसने जिले के समस्त अधिकर जिला कलेक्टर के हाथों में दे दिए थे और जिला पुलिस थाने में एक इंचार्ज नियुक्त किया जिसे दरोगा कहा जाता था। 
  • तीसरा आंग्ल-मैसूर युद्ध/Anglo-Mysore War (1790 -1792) हुआ।  जिसका अंत श्रीरंग पत्तनम की संधि से हुआ था। 
  • 1793 में कार्नवलिस ने बंगाल, बिहार और ओड़िसा ने भूमि कर से सम्बंधित  स्थायी बंदोबस्त पद्ति (Permanent Settlement) लागू की , जिसके तहत जमींदारों को अब भूराजस्व का लगभग 90 % कंपनी को तथा लगभग 10 % अपने पास रखना होता था। 
सर जॉन शोर / Sir John Shore(28 अक्टूबर 1793 - 18 मार्च 1798):
  • खदरा का युद्ध 1795 ई. में मराठों एवं निजाम के बिच लड़ा गया।  
सर अलरेड क्लार्क़ / Sir Alured Clarke (18 मार्च 1798 - 18 मई 1798):
  • यह एक अस्थाई गवर्नर जनरल था। 
लार्ड वेलेजली/Lord Wellesley (18 मई 1798 - 30 जुलाई 1805):
  • लार्ड वेलेजली अपने आप को बंगाल का शेर कहता था। 
  • लार्ड वेलेजली ने सहायक संधि की पद्ति लागु की थी।  [लेकिन सहायक संधि का प्रयोग पहले फ़्रांसिसी गवर्नर डूप्ले के किया था और वो भी वेलेजली से पहले। ]
  • वेलेजली के समय में हैदराबाद, मैसूर, तंजोर, अवध, जोधपुर, जयपुर, बूंदी, और पेशावर ने सहायक संधि पर हस्ताक्षर किये थे। 
  • वेलेजली ने 1800 ई. में नागरिक सेवा में भर्ती हुए युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए फोर्ट विलियम की कलकत्ता में स्थापना की। 
  • चौथा आंग्ल-मैसूर युद्ध 1799 ई. में हुआ जिसमे मैसूर का शासक टीपू सुल्तान मारा गया। 
  • द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध 1803 ई. -1805 ई. हुआ जिसमे मराठा हार गए थे।  
लार्ड कॉर्नवॉलिस / Lord Cornwallis (30 जुलाई 1805 - 5 अक्टूबर 1805):
  • लार्ड कार्नवालिस का दूसरा कार्य काल लेकिन उनकी शीघ्र ही मृत्यु हो गयी। 
सर जॉर्ज बार्लो / Sir George Barlow(10 जुलाई 1805 - 31 जुलाई 1807 ):
  • 1805 ई. की राजपुर घाट संधि धेलकार एवं सर जॉन बार्लो के बीच हुई थी। 
  • 1806 ई. का वेल्लोर सिपाही विद्रोह ।  
लार्ड मिंटो / Lord Minto (31 जुलाई 1807 - 4 अक्टूबर 1813 ):
  • अमृतसर की संधि 25 अप्रैल 1809 में महाराजा रणजीत सिंह और लार्ड मिंटो के बिच। 
  • 1813 का चार्टर एक्ट लार्ड मिंटो के काल में पास हुआ था जिसमे कंपनी में भारत के साथ अपने व्यापारिक सम्बन्ध तोड़ दिए थे लेकिन चीन से व्यापर अब भी जारी रखा था। 
मार्क्वेस हेस्टिंग्स/Marquess Hastings (4 अक्टूबर 1813 -9 जनवरी1823 ):

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  • आंग्ल-नेपाल युद्ध 1814 -1816  जिसमे नेपाल के राजा अमर सिंह को आत्मसमर्पण करना पड़ा और 1816 में संगोली की संधि से युद्ध का अंत हो गया । 
  • तृतीया आंग्ल-मराठा युद्ध 1818 में हुआ और मार्क्वेस हेस्टिंग्स ने पेशवा का पद समाप्त कर दिया। 
  • 1799 में प्रेस पर लगये गए सभी प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया गया। 
  • 1822 में टेनेन्सी एक्ट या काश्तकारी अधिनियम लागु किया गया। 
जॉन एडम्स/John Adam (9 जनवरी 1823 - 1 अगस्त 1823):
  • यह एक अस्थाई गवर्नर जनरल था। 
लार्ड एमहर्स्ट/Lord William Amherst (1 अगस्त 1823- 13 मार्च 1828):
  • 1824 - 1826 प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध हुआ। ब्रिटिश सेना ने बर्मा सेना को परास्त करके  1826  में याण्डबू की संधि की। 
  • 1824 में बैरकपुर का सैन्य विद्रोह हुआ।
विलियम बटरवर्थ बैले/Lord William Amherst (13 मार्च 1828 -4 जुलाई 1828):
  • यह एक अस्थाई गवर्नर जनरल था। 
लार्ड विलियम बैंटिक /Lord William Bentinck (4 जुलाई 1828 - 1833):
  • लार्ड विलियम बैंटिक के शासन काल में कोई भी युद्ध नहीं हुआ इसका शासन काल शांति का काल रहा था। 
  • 1828 में राजा राम मोहन रॉय के द्वारा ब्रह्म समाज की स्थापना की गयी। 
  • बैंटिक ने 1829 में सती प्रथा पर प्रतिबंध लगा किया था। 
  • इसने शिशु-वध पर भी प्रतिबंध लगाया था। 
  • बैंटिक ने देवी-देवताओं को भी नर बलि देने की प्रथा का भी अंत कर दिया था। 



नोट: लार्ड विलियम बैंटिक बंगाल का अंतिम गवर्नर जनरल था।  जिसे 1833 चार्टर एक्ट के अनुसार पदोन्ति देकर भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया।  अगली पोस्ट में हम भारत के गवर्नर जनरलों के बारे में ही पढ़ेंगे। ......... 

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