Monday, March 30, 2020

THE NORTH ATLANTIC TREATY ORG.(NATO) | DEFINITION | PURPOSE | HISTORY | MEMBER

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ ने पूर्वी यूरोप से अपनी सेनाएं हटाने से इनकार कर दिया और वहां साम्यवादी शासन की स्थापना करने का प्रयास किया। अमेरिका ने इसका लाभ उठाकर साम्यवाद विरोधी नारा दिया और यूरोपीय देशों को साम्यवादी खतरे से सावधान किया है यूरोपीय देश एक ऐसे संगठन के निर्माण हेतु तैयार हो गए जो उनकी सुरक्षा करें। आते हैं उनके आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए अमेरिका एक बहुत बड़ी आशा थी। और अमेरिका ने इसी स्थिति का फायदा उठाते हुए एक सैन्य गठबंधन बनाया। आज हम उसी सैन्य गठबंधन (जिसे नाटो के नाम से जाना जाता है) पर चर्चा करेंगे। नमस्कार मैं हूं विनय चलिए कुछ नया सीखते हैं। यह पोस्ट प्रतियोगिता परीक्षाओं को मध्य नजर रखते हुए तैयार की गई है।



 Full form 👉  North Atlantic Treaty Organisation 

 स्थापना 

नाटो की स्थापना 4 जुलाई 1949

 मुख्यालय 

नाटो का मुख्यालय - ब्रसेल्स (Belgium)

 सदस्य देशों की संख्या 

शुरुआत में नाटो के सदस्य देशों की संख्या 12 थी। वर्तमान में सदस्य देशों की संख्या 30 है। 30 वां सदस्य देश मेसोडोनिया है जो 6 फरवरी 2019 को बना।

 स्थापना का उद्देश्य 

स्थापना का उद्देश्य स्वतंत्र विश्व की रक्षा के लिए साम्यवाद को पराजित करना। सैन्य तथा आर्थिक विकास के लिए अपने कार्यक्रमों द्वारा यूरोपीय राष्ट्रों के लिए सुरक्षा छत्र प्रदान करना। सोवियत संघ के पश्चिमी यूरोप में तथाकथित विस्तार को रोकना तथा युद्ध की स्थिति में लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना। यूरोप पर आक्रमण के समय अवरोध की भूमिका निभाना।

 वर्तमान महासचिव 

 नाटो के वर्तमान महासचिव जेंस स्टोल्टेनब्रग है।

 भारत की स्थिति 

भारत नाटो का सदस्य देश नहीं है। जबकि अमरीकी सीनेट ने भारत देश को नाटो सहयोगी देश का दर्जा देने के लिए विधेयक को पारित कर दिया है।

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