द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ ने पूर्वी यूरोप से अपनी सेनाएं हटाने से इनकार कर दिया और वहां साम्यवादी शासन की स्थापना करने का प्रयास किया। अमेरिका ने इसका लाभ उठाकर साम्यवाद विरोधी नारा दिया और यूरोपीय देशों को साम्यवादी खतरे से सावधान किया है यूरोपीय देश एक ऐसे संगठन के निर्माण हेतु तैयार हो गए जो उनकी सुरक्षा करें। आते हैं उनके आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए अमेरिका एक बहुत बड़ी आशा थी। और अमेरिका ने इसी स्थिति का फायदा उठाते हुए एक सैन्य गठबंधन बनाया। आज हम उसी सैन्य गठबंधन (जिसे नाटो के नाम से जाना जाता है) पर चर्चा करेंगे। नमस्कार मैं हूं विनय चलिए कुछ नया सीखते हैं। यह पोस्ट प्रतियोगिता परीक्षाओं को मध्य नजर रखते हुए तैयार की गई है।
Full form 👉 North Atlantic Treaty Organisation
स्थापना का उद्देश्य स्वतंत्र विश्व की रक्षा के लिए साम्यवाद को पराजित करना। सैन्य तथा आर्थिक विकास के लिए अपने कार्यक्रमों द्वारा यूरोपीय राष्ट्रों के लिए सुरक्षा छत्र प्रदान करना। सोवियत संघ के पश्चिमी यूरोप में तथाकथित विस्तार को रोकना तथा युद्ध की स्थिति में लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना। यूरोप पर आक्रमण के समय अवरोध की भूमिका निभाना।
EVERYTHING ABOUT TENNIS | TENNIS FACT | HINDI
UNICEF क्या है | क्या काम करता है ? | UNICEF INDIA |जानिये रोचक ...
स्थापना
नाटो की स्थापना 4 जुलाई 1949
मुख्यालय
नाटो का मुख्यालय - ब्रसेल्स (Belgium)
सदस्य देशों की संख्या
शुरुआत में नाटो के सदस्य देशों की संख्या 12 थी। वर्तमान में सदस्य देशों की संख्या 30 है। 30 वां सदस्य देश मेसोडोनिया है जो 6 फरवरी 2019 को बना।
स्थापना का उद्देश्य
वर्तमान महासचिव
नाटो के वर्तमान महासचिव जेंस स्टोल्टेनब्रग है।
भारत की स्थिति
भारत नाटो का सदस्य देश नहीं है। जबकि अमरीकी सीनेट ने भारत देश को नाटो सहयोगी देश का दर्जा देने के लिए विधेयक को पारित कर दिया है।
What's New
DAILY | ALL INDIAN NEWSPAPERS | HINDI OR ENGLISH | READ FREE
EXAMS CONDUCTED BY SSC (STAFF SELECTION COMMISSION) | FULL DETAIL
UNESCO | UNESCO INDIA | DEFINITION, HISTORY, MEMBERS & FACTS | HINDI
भारत के प्रमुख शोध-संस्थान एवं उनके स्थान | INDIA’S LEADING RESEARCH INSTITUTE
भारत के प्रमुख मंदिर और उनके संस्थापक की जानकारी | FAMOUS TEMPLE IN INDIA & FOUNDER | HINDI
0 comments
Post a Comment