Tuesday, July 7, 2020

ऊर्जा तथा उसके प्रकार | What is Energy | Hindi

किसी वस्तु की कार्य करने की जो क्षमता होती है उसे, उसकी “ऊर्जा” कहते है उदाहरण के लिए बंदूक से छोडी गयी गयी गोली लक्ष्य से टकराकर विस्थापन उत्पन करती है। ऊर्जा का मात्रक जूल होता है क्योंकि कार्य की भाँति ही ऊर्जा एक अदिश राशि है।


 यांत्रिक ऊर्जा 

जब कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु पर कार्य करती है तो कार्य करने वाली वस्तु की ऊर्जा खर्च होती है और जिस पर कार्य किया जाता है उस की ऊर्जा बढ जाती है किया गया कार्य स्थानांतरित ऊर्जा तथा कार्य द्वारा प्राप्त यांत्रिक ऊर्जा कहलाती है |

 गतिज ऊर्जा 

किसी वस्तु में उसकी गति के कारण जो ऊर्जा आती है उसे गतिज ऊर्जा कहते है जैसे-गोली में उसकी गति के कारण होती है | गतिज ऊर्जा सदैव घनात्मक होती है जैसे बंदूक से छोडी गयी गोली,धनुष से छोडा गया तीर, गतिमान हथौडा, गिरती हुई वर्षा की बूँदे, आदि गतिज ऊर्जा के उदाहरण है |

 स्थितिज ऊर्जा 

जब किसी वस्तु में विशेष अवस्था के कारण कार्य करने की क्षमता आ जाती है तो वह स्थितिज ऊर्जा कहलाती है जैसे- बाँध में ऊँचाई पर जल एकत्रित किया जाता है जिसे स्थितिज ऊर्जा आ जाती है और जब यह जल नीचे टरबाइन पर गिराया जाता है तो यहा ऊर्जा टरबाइन के पहिए को घुमाती  है और विधुत उत्पन्न होती है प्रकार बाँध की ऊँचाई पर स्थितिज ऊर्जा विधुत ऊर्जा में बदल जाती है |
किसी भी वस्तु में स्थितिज ऊर्जा निम्न रूपों में निहित होती है जो इस प्रकार है जैसे गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा जब भारी हथौडे को ऊँचाई से गिराया जाये तो हथौडे में कार्य करने की जो क्षमता आती है वो उसकी पृथ्वी तल से ऊँचाई के कारण आती है |

 प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा 

जब घडी में चाबी भर दी जाती है तो घडी के भीतर स्प्रिंग दब जाती है और वह तनाव में आ कर एक विशेष अवस्था के कारण उस में ऊर्जा आ जाती है |

 स्थिर विधुत स्थितिज ऊर्जा 

विधुत आवेश जो होते है वह एक दूसरे के प्रति आकर्षित व प्रतिकर्षित होते रहते है और आवेशों के निकाय में भी स्थितिज ऊर्जा होती है जिसे स्थिर विधुत स्थितिज ऊर्जा कहते है |

 चुम्बकीय स्थितिज ऊर्जा 

चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित किसी गतिमान आवेश तथा धारावाही चालक पर लगने वाले चुम्बकीय बल के कारण उसमें जो कार्य करने की क्षमता उत्पन हो जाती है उसे चुम्बकीय स्थितिज ऊर्जा कहते है |

 रासायनिक ऊर्जा 

विभिन्न प्रकार के ईधनो में स्थितिज ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा के रूप में संचित रहती है जैसे- कोयले, पेट्रोल, मिट्टी का तेल इत्यादि जब इन्हें जलाया जाता है तब यह रासायनिक ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा व प्रकाश ऊर्जा में बदल जाती है |

 ऊर्जा संरक्षण का सिध्दांत 

ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और ना ही नष्ट किया जा सकता है केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है|

 ऊर्जा रूपांतरित करने वाले उपकरण 

1. डायनमो यांत्रिक ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित करता है,
2. विधुत मोटर विधुत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है,
3. माइक्रो फोन ध्वनि ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में,
4. लाउडस्पीकर विधुत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में

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