परमाणु क्या है? यदि किसी वस्तु या पदार्थ का निरंतर विभाजन किया जाए, तो जो सबसे छोटा अणु हमे प्राप्त होगा, उसे ही परमाणु कहते हैं। क्योंकि परमाणु प्राप्त करने का कोई वैज्ञानिक तरीका नहीं था,सदियों तक यही धारणा रही कि परमाणु को और छोटे हिस्सों में नहीं तोड़ा जा सकता और यही किसी भी वस्तु का परम अंश है।नमस्कार मैं हूँ विनय और आज इस टॉपिक तो प्रतियोगिता परीक्षाओं को मध्य नजर रखते हुए आगे बढ़ाते हैं। What is atom? If there is a continuous division of an object or substance, the smallest molecule that we will get is called an atom. Because there was no scientific way of obtaining atoms, for centuries there was the belief that the atom could not be broken into smaller parts and that is the ultimate part of any object. Hello, I am Vinay and today, this topic is carried forward by keeping a close watch on the competition examinations.
परंतु कई ऐसे सवाल थे, जिनके उत्तर इस मान्यता से सहमति नहीं रखते थे। जैसे अगर हम एक कंघी को अपने बालों पर रगड़ने के बाद छोटे छोटे कागज़ के टुकड़ों के पास ले जाए तो वो टुकड़े कंघी पर चिपक जाते हैं। मात्र रगड़ने से चार्ज कैसे आ जाता है? “ कैथोड रे ट्यूब ” के प्रयोग में जो किरणे मिली, वो चार्ज वाली किरणों जैसा क्यों बर्ताव कर रही थी? But there were many questions, whose answers did not agree with this belief. For example, if we take a comb near the small pieces of paper after rubbing it on our hair, then those pieces are stuck on the comb. How does a mere rubbing cause a charge? The rays that were found in the use of "cathode ray tube", why were they behaving like charged rays?
नए कणों की खोज | Discovery of new particles of atom
इन प्रश्नों का उत्तर मिला,जब 1886 और 1900 में दो उप परमाणु कण (सब एटॉमिक पार्टिकल्स) ई गोल्डस्टीन द्वारा “प्रोटोन” और जे जे थॉमसन द्वारा “ईलेक्टरौन” की खोज हुई। These questions were answered when two sub-atomic particles (Protons) were discovered by E. Goldstein in 1886 and 1900, and "Electron" by JJ Thomson.
- प्रोटॉन | Proton
- इलेक्ट्रॉन | Electron
- न्यूट्रॉन | Neutron
थॉमसन का परमाणु मॉडल | Thomson model of atom
अब समस्या थी इन कणों के साथ परमाणु की संरचना को समझना। सर थॉमसन पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इसे समझाने का प्रयास किया। उनका कहना था कि परमाणु एक गोल क्रिसमस केक की तरह है, जिसमे केक पॉजिटिव चार्ज ( प्रोटोन्स) का बना है और उसमें लगा मेवा नेगेटिव चार्ज ( ईलेक्टरौन) है। इसे हम तरबूज़ की तरह भी सोच सकते हैं जिसमे लाल हिस्सा पॉजिटिव है और बीज नेगेटिव चार्ज हैं। Now the problem was to understand the structure of the atom with these particles. Sir Thomson was the first to attempt to explain it. He said that the atom is like a round Christmas cake, in which the cake is made of positive charge (protons) and the Meva has negative charge (electron). We can also think of it as a watermelon in which the red part is positive and the seeds are negatively charged.
रुदरफोर्ड का बेहतर परमाणु मॉडल | Rutherford model of atom
इसी प्रयोग के आधार पर “रुथरफोर्ड” नामक एक वैज्ञानिक ने एक और प्रयोग किया, ताकि वो ईलेक्टरौन का स्थान जान पाएँ। उन्होंने सोने की पन्नी ली,क्योंकि वो एक बहुत पतली परत चाहते थे।On the basis of this experiment, a scientist named "Rutherford" conducted another experiment, so that he could know the location of the electron. He took gold foil because he wanted a very thin layer.
- लगभग सारे अल्फा कण सोने की पन्नी के आर पार चले गए।Almost all the alpha particles went through the gold foil.
- कुछ ही कण थोड़ा सा मुड़े।A few particles bent a little.
- अनुमानित 12000 में केवल एक ही कण 180० वापस आया।Only one particle returned 180० out of an estimated 12000.
- परमाणु में बहुत खाली स्थान है।There is a lot of free space in the atom.
- उसका सारा पॉजिटिव चार्ज और भार परमाणु के मध्य एक न्यूक्लियस में कैद है।All its positive charge and weight are imprisoned in a nucleus between the atoms.
- सारे ईलेक्टरौन न्यूक्लियस के चारो ओर अपने अपने घेरों( ओरबीट्स) में घूमते है।All the electrons roam around the nucleus in their respective circles.
- न्यूक्लिउस परमाणु से कई गुना छोटा है।The nucleus is several times smaller than the atom.
- हम इसे सौर मंडल की तरह समझ सकते हैं, जहाँ न्यूक्लियस सूर्य की जगह है और ईलेक्टरौन ग्रहों की जगह।We can think of it as a solar system, where the nucleus is the place of the Sun and the place of the Electron planets.
रुदरफोर्ड मॉडल की कमी | Drawbacks of Rutherford model of atom
क्योंकि ईलेक्टरौन गोल घूम रहे हैं, उनका घूमना त्वरणयुक्त (एक्सेलरेटेड) है। मैक्सवेल का इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कानून कहता है कि जो भी चार्ज वाला कण त्वरणयुक्त होता है, वह अपनी ऊर्जा खोता चला जाता है। Because the electrons are rotating round, their rotation is accelerated. Maxwell's electromagnetic law states that whatever charged particle is accelerated, it loses its energy.
नील्स बोहर परमाणु मॉडल | Bohr's model of atom
मॉडल की कमी को पूरा करने हेतु “नील्स बोहर” ने काम किया और बताया "Niels Bohr" worked to fill the model gap and stated:
क्वांटम मॉडल | Quantum model of atom
ऐसे तो यह मॉडल कई सवालों का जवाब दे रहा था,परंतु ये मैटर के दोहरे नेचर को नज़रअंदाज़ कर रहा था। इसलिए एक क्वांटम मॉडल लाया गया जिनमे इन ओरबीट्स में और छोटी जगह, “ओरबिटल्स” होते हैं। इन्हें पहचानने के लिए 4 क्वांटम अंकों (नंबर) को भी घोषित किया गया।In this way, this model was answering many questions, but it was ignoring the double nature of the matter. Therefore, a quantum model was introduced, in which these orbits have more small space, "orbitals". To identify them, 4 quantum digits (numbers) were also announced.
- द प्रिंसिपल क्वांटम नंबर – “n” The Principal Quantum Number - "n"
- अज़ीमुथाल क्वांटम नंबर – “l” Azimuthal Quantum Number - "l"
- मैग्नेटिक ऑर्बिटल क्वांटम नंबर – “m(l)” Magnetic Orbital Quantum Number - "m (l)"
- ईलेक्टरौन स्पिन क्वांटम नंबर – “m(s)” Electron Spin Quantum Number - "m (s)"
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